Saturday 6 October 2012

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956

हिन्दू  उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 2(2) के अनुसार : उपधारा (1) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी इस अधिनियम में अंतर्विष्ट कोई भी बात ऐसी जनजाति के सदस्यों को जो सविधान के अनुच्छेद 366 के खंड (25) के अर्थ के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति हो, लागू ना होगी जब तक की केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र से अधिसूचना द्वारा अन्यथा निर्दिष्ट ना कर दे। 
       गोंड जाति को इस अधिनियम के एवं हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 के प्रावधान लागू नहीं होते अतः द्वितीय विवाह अवैध नहीं है, इसलिए गोंड जाति का पुरुष अनेक विवाह कर सकता है। यदि किसी गोंड पुरुष ने दो विवाह किया तो उसकी मृत्यु के बाद द्वितीय पत्नी भी उसकी वारिस है।

No comments:

Post a Comment